क्या आपको पता है…..?
बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर एक महान लेखक के साथ-साथ कुशल संपादक भी थे. बाबा साहब के द्वारा मूकनायक, जनता, बहिष्कृत भारत, समता व प्रबुद्ध भारत समाचार- पत्र संपादित किये गए. इन पत्र-पत्रिकाओं ने उनके आंदोलन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वास्तविक रूप से अगर देखा जाय तो बाबासाहेब ही बहुजन पत्रकारिता के आधार स्तम्भ हैं। वे हमारे समुदाय की पत्रिकारिता के प्रथम संपादक, संस्थापक एवं प्रकाशक थे. बाबासाहेब द्वारा संपादित पत्र आज की पत्रकारिता के लिए एक मानदण्ड हैं। इन पत्रों के माध्यम से बाबा साहब ने अछूत वर्ग के अधिकारों के लिए अपनी आवाज बुलंद की और समाज में जनजागृति का सफल प्रयास किया.
महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए जब बाबा साहब ने हिंदू कोड बिल पेश किया और भारत के मनुवादी नेताओं ने जब हिंदू कोड बिल पास नहीं होने दिया तब भारत के प्रथम कानून मंत्री बाबा साहब ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. क्या हमारी महिलाएं यह जानकारी रखती है कि बाबा साहब का उनके ऊपर कितना बड़ा कर्ज हैं. आज महिलाओं को पुरुषों के बराबर हर क्षेत्र में बराबरी व जो समान अधिकार प्राप्त हैं वह सब बाबा साहब की देन है. बल्कि हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथों ने तो स्त्री को केवल भोग की वस्तु बताया गया है हिंदू धर्म के धर्म ग्रंथों में स्त्री और शूद्र को कोई भी अधिकार नहीं दिए गए हैं. इसलिए इस देश की मातृशक्ति बाबा साहब की सदैव ऋणी रहेगी
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प्रस्तुति – बीरबल सिंह बरवड़
संपादक- भीम प्रवाह पब्लिकेशन सीकर